वाराणसी। वाराणसी में गंगा घाट पर पांच महीने के लंबे अंतराल के बाद मां गंगा की महाआरती आरंभ हुई। महाआरती का भव्य स्वरूप देखकर श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव का जयघोष किया। आस्थावानों ने मां गंगा से कोरोना के खात्मे की कामना की। इसके साथ ही गंगा घाट की रौनक एक बार फिर से लौट आई। अब मां गंगा की आरती अपने मूलस्वरूप में होगी। शनिवार की शाम को दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से होने वाली मां गंगा की महाआरती भव्य स्वरूप में शुरू हुई। सात अर्चकों ने मां गंगा की आरती उतारी तो रिद्धि-सिद्धि ने चंवर भी डोलाया। घाट को फूल मालाओं से व दीपकों से सजाया गया था। आस्थावानों ने हर-हर महादेव के साथ हर-हर गंगे का उद्घोष कर देश से कोरोना के नाश के लिए मां गंगा से कामना की। लगभग पांच महीने बाद वहीं पुरानी भव्यता के साथ पुरातन स्वरूप में मां गंगा की आरती शाम 6:45 बजे से शुरू हुई तो घाट पर आस्थावानों की भीड़ नजर आई। समिति ने बताया कि शनिवार से पुराने स्वरूप में गंगा आरती का दौर लौट आया है। कोरोना की दूसरी लहर में लगभग पांच महीने से सांकेतिक तौर पर एक ब्राह्मण से ही आरती को संपन्न कराया जा रहा था। अब शनिवार से सातों ब्राह्मण गंगा आरती में शामिल हुए तो प्रतीक के तौर पर रिद्धि-सिद्धी कन्याएं भी मौजूद रहीं। कोरोना की पहली लहर में आरती लगभग आठ महीने तक प्रभावित रही थी। इस बार पांच माह के बाद आरती शुरू हुई है। गंगा आरती को भव्य बनाने के लिए गंगा सेवा निधि के कार्यकर्ता सुबह से ही जुट गए थे। 11 अप्रैल 2021 से मां गंगा की सांकेतिक आरती हो रही थी। इस दौरान एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा, अजय खन्ना, चंद्रभूषण कुमार सिंह, प्रशांत सिंह, सुशांत मिश्र, श्याम लाल सिंह, आशीष तिवारी, हनुमान यादव, प्रेम मिश्रा आदि उपस्थित थे।