संगमनगरी में खतरे के निशान के पार हुईं गंगा और यमुना

प्रयागराज। रविवार की रात गंगा-यमुना खतरे के निशान को पार कर गईं। हमीरपुर में केन और बेतवा के खतरे के निशान से ऊपर जाने के बाद माताटीला बांध से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है। उधर कानपुर बैराज से भी 2.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है। यही हाल रहा को सोमवार तक बाढ़ शहरी इलाकों की ओर रुख कर सकती है। गंगा रात आठ बजे खतरे के निशान से चार सेमी ऊपर बहने लगी। फाफामऊ में गंगा खतरे के निशान के पार हो गई है। इसी तरह यमुना में इस अवधि तक जलस्तर 84.62 मीटर पर पहुंच गया था। यमुना का जलस्तर तीन सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ने देर रात नैनी में भी जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया।गंगा-यमुना में बाढ़ से हालात चिंताजनक होने के बाद डीएम संजय खत्री ने एनडीआरफ की टीम के साथ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और बाढ़ प्रभावित बस्तियों को खाली कराने के लिए अपील की। रात आठ बजे गंगा दो सेमी प्रति घंटा और यमुना तीन सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ती रही। सिंचाई बाढ़ खंड के अभियंताओं के अनुसार पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश से बांधों में जल दबाव बढ़ता जा रहा है। इससे जलस्तर में वृद्धि बने रहने की आशंका है।बेली कछार के क्षेत्र बेली कछार, गंगापुरी, नेवादाछार, नेवादाछार, अशोक नगर कछार, द्रोपदी वार, मछाबाद, जोंधवाल, शंकर गेर, बघाड़ा, चांदपुर-सलोरी, राजापुर, उवागढ़ी, शिवकुटी, दस कालोनी, चिलिंग कछार, दशाश्वमेध राम, पुरी, नीवाँ, छतनाग, सोनौटी, हेता शांती, शांतिपुरम नाग में पल रहा है। विलोम, जल का जलभराव, गौसनगर, सदियापुर मोहल्लों में पानी भरा है।

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