लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर ने भविष्य के लिए सबक और प्रशिक्षण का काम किया है। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए नाॅन कोविड अस्पतालों में भी तैयारी शुरू हो गई है। सिविल अस्पताल में पहले से ही मौजूद पीआइसीयू को कोविड के लिए तैयार किया गया है। अन्य तैयारियों को लेकर सिविल अस्पताल के निदेशक डाॅ सुभाष सुंदरियाल से दुर्गा शर्मा ने बातचीत की। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के मामले तो बहुत कम हो गए हैं। बाजार बंदी, स्क्रीनिंग बढ़ने, टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट आदि की वजह से यह संभव हो पाया है। अस्पतालों में अब पहले की अपेक्षा केस नहीं आ रहे, बेड भी खाली हो गए हैं। हर तरह से अब पाॅजिटिविटी रेट कम हुई है। हमारा नाॅन कोविड अस्पताल है, लेकिन फिर भी जब हम कोविड में थे, तब बेड और आॅक्सीजन की बहुत ज्यादा मांग थी। अब यह बहुत कम हो गई है। इसको देखते हुए मुझे लगता है कि हमारे विशेषज्ञ जो तीसरी लहर को लेकर संभावना जता रहे, उसमें समय लग सकता है। पिछली बार जब लाॅकडाउन हटा तो लोग लापरवाह हो गए। केस कम हुए तो लोगों ने मान लिया कि कोरोना हमेशा के लिए चला गया है। कुल मिलाकर हमारा सामूहिक सामाजिक व्यवहार गड़बड़ हो गया। हम किसी एक संस्था या सिस्टम को ब्लेम नहीं कर सकते, हमको दोनों तरफ से देखना है। आमजन क्या कर रहे, कोविड फाइटर और माहमारी से लड़ाई की प्लानिंग में लगे लोग क्या रहे, सबके बीच संतुलन जरूरी है। अगर हम सतर्क रहकर कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन करते रहे तो निश्चित ही तीसरी लहर को आने से रोका जा सकता है। फिर भी अगर तीसरी लहर आती भी है तो यह दूसरी से कमजोर होगी। अगर हमने लापरवाही की तो तीसरी लहर जल्दी भी आ सकती है और यह पूर्व की दोनों लहर से ज्यादा भयावह भी हो सकती है। हमको कोरोना की दूसरी लहर ने बहुत प्रशिक्षित किया। हमारा मेडिकल सिस्टम मजबूत हो गया। हमको बहुत सारी चीजों के बारे में मालूम नहीं था जैसे दवाइयां, ऑक्सीजन और बेड के इंफ्रास्ट्क्चर के लिए हम तैयार नहीं थे। एकदम से जब हमारे सामने तूफान खड़ा हुआ तो हमने डटकर सामना किया और सब कुछ सही करने में सफल हो सके। हमने जिम्मेदारी निभाने के साथ अपनी तैयारी भी पूरी कर ली है। तीसरी लहर आती है तो हम पूरी तरह से सामना करने के लिए अब ज्यादा सक्षम होंगे।