आदिवासी उत्पाद बेचकर कला, संस्कृति को बढ़ावा दे रही है चला अखरा खोरहा संस्था

झारखंड। झारखंड के रांची स्थित पावा टोली गांव में ‘चाला अखरा खोरहा’ नाम की सोसायटी आदिवासी उत्पादों को बेचने वाला स्टोर चलाकर आदिवासी कला और संस्कृति को बढ़ावा दे रही है। स्टोर में आदिवासी आभूषण, कपड़े, संगीत वाद्ययंत्र, साहित्य, हस्तशिल्प, धातु शिल्प, पेंटिंग और जैविक खाद्य पदार्थों का संग्रह है। संस्था की एक सदस्य सरिता कश्यप ने कहा कि ‘हमने 1998 में इस पहल की शुरुआत की थी। हमने इसे अपने घर से छोटे पैमाने पर शुरू किया था। धीरे-धीरे हमने इस स्टोर को विकसित किया।’ एक अन्य सदस्य ने कहा कि वे आदिवासी लोगों को अपना सामान बेचकर आर्थिक मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि यह उनकी कला और संस्कृति को भी बढ़ावा देता है। आधुनिकीकरण के साथ-साथ हमारी संस्कृति और परंपराओं को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। राज्य के हर जिले में हमारी शाखाएं हैं। यह मुख्य स्टोर है, जहां से हम वस्तुओं की आपूर्ति करते हैं। आगे कहा कि हमने झारखंड के बाहर छत्तीसगढ़, असम और भूटान में भी इन वस्तुओं की डिलीवरी की है। आदिवासी आभूषण खरीदने वाली ग्राहक राधा ने कहा कि यह स्टोर अपने पारंपरिक सामानों के लिए सोशल मीडिया पर काफी प्रसिद्ध है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *