स्वास्थ्य। आजकल डायबिटीज एक सामान्य समस्या के रूप में उभर रही है। दुनियाभर में तीन में से एक व्यक्ति डायबिटीज की समस्या से जूझ रहा है। टाइप 2 डायबिटीज होने से पहले शरीर में डायबिटीज के लक्षण नजर आने लगते हैं जिसे मेडिकल टर्म में बॉर्डरलाइन डायबिटीज या प्री-डायबिटीज कहा जाता है। जिसका अर्थ है कि शरीर का ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक है।
बॉर्डरलाइन डायबिटीज होने का मतलब ये नहीं कि आपको निश्चित रूप से डायबिटीज हो जाएगी। लेकिन इस स्थिति को बढ़ने से रोकने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करना जरूरी है। एक अनुमान के मुताबिक यदि लाइफस्टाइल में कोई बदलाव न किया जाए तो अगले 3-5 वर्षों में प्री-डायबिटीज वाले 15 से 30 प्रतिशत लोग डायबिटीज का शिकार हो सकते हैं। चलिए जानते हैं कि बॉर्डरलाइन डायबिटीज के लक्षण-
बॉर्डरलाइन डायबिटीज के लक्षण:-
शुरुआती अवस्था में इंसुलिन प्रतिरोध वाला कोई व्यक्ति टाइप 2 डायबिटीज विकसित कर सकता है। लेकिन बॉर्डरलाइन डायबिटीज के लक्षण आमतौर पर पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है।
विजन प्रॉब्लम:-
बॉर्डरलाइन डायबिटीज में अधिकतर लोगों के शरीर में किसी भी विशेष प्रकार के लक्षण विकसित नहीं होते। जिस वजह से इसे पहचानना काफी मुश्किल होता है। बॉर्डरलाइन डायबिटीज में लोगों को विजन प्रॉब्लम का सामना करना पड़ सकता है। डायबिटीज से आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसमें कई बार सिरदर्द और धुंधला भी दिखाई दे सकता है।
शरीर में थकान:-
बॉर्डरलाइन डायबिटीज होने पर शरीर में अधिक थका और कमजोरी महसूस होती है। थकान की वजह से किसी भी काम में एकाग्रता लाने में भी परेशानी आती है।
हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल:-
अचानक बीपी और कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई होना भी बॉर्डरलाइन डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं। हाई बीपी होने से चक्कर, थकान, अधिक गुस्सा और पसीना आना जैसे लक्षण महसूस किए जा सकते हैं।
पैरों में बदलाव:-
बॉर्डरलाइन डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों को पहचानना काफी मुश्किल होता है। लेकिन इसकी पहचान पैरों में होने वाले बदलावों से की जा सकती है। कई मामलों में पैरों में दर्द, झुनझुनी और सुन्नपन की समस्या हो जाती है।
बॉर्डरलाइन डायबिटीज के लक्षणों को पहचानना काफी मुश्किल होता है लेकिन शरीर में होने वाले किसी भी बदलाव को नजरअंदाज न करें। समय रहते चिकित्सक से संपर्क करें।