धर्म। लोहड़ी सिख धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। पंजाब समेत विभिन्न राज्यों में लोहड़ी का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। लोहड़ी कृषि और प्रकृति को समर्पित पर्व है। लोहड़ी के पर्व से विभिन्न परंपराएं जुड़ी हुई हैं। लोहड़ी पर अग्नि का विशेष महत्व होता है। इस दिन लोग आग जलाकर उसकी पूजा करके सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। आग में रेवड़ी, गजक, मूंगफली अर्पित करके प्रसाद के रूप में बांटी जाती है। लोहड़ी पर प्रकृति में कई बदलाव देखने को मिलते हैं, जो फसल के लिए अनुकूल रहता है। आइये जानते हैं लोहड़ी पर रेवड़ी, गजक, मूंगफलियां आग में डालने का महत्व-
सुख-समृद्धि का त्योहार लोहड़ी:-
लोहड़ी का पर्व सुख-समृद्धि व सौभाग्य का प्रतीक है। इस दिन अग्निदेव व महादेवी की पूजा का विधान है। लोहड़ी की रात अग्नि जलाकर उसकी परिक्रमा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, महादेवी की पूजा करने से घर में सुख-शांति व समृद्धि बनी रहती है। लोहड़ी पर लोग सभी गिले शिकवे भूलकर एक दूसरे के साथ त्योहार का आनंद लेते हैं। सभी एक जगह इकट्ठा होकर भांगड़ा, नृत्य करते हुए विशेष पकवानों के साथ सामूहिक भोजन करते हैं। लोहड़ी पर अग्नि में नई फसल को अर्पित करके भगवान को धन्यवाद अर्पित करते हैं। इस दिन भगवान सूर्यदेव की विशेष उपासना की जाती है।
आरोग्य की कामना:-
लोहड़ी के दौरान महिलाएं अपने बच्चों को आग तापती हैं। मान्यता है कि इससे बच्चों पर कोई संकट नहीं आता और वह स्वस्थ रहते हैं। लोहड़ी पर महिलाएं पारंपरिक गीत गाती हैं। नवविवाहित जोड़े घर के बड़े-बुजुर्गों से आशिर्वाद लेते हैं, इससे आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है।
रेवड़ी, गजक और मूंगफलियों का महत्व:-
लोहड़ी का पर्व कृषि, प्रकृति व किसानों से जुड़ा हुआ है। इस दिन किसान फसलों की कटाई करके नई फसल की बुवाई शुरू करते हैं। इसलिए लोहड़ी पर आग में मूंगफली, रेवड़ी, गजक आदि अर्पित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह भोग सीधा भगवान को समर्पित होता है। इससे अग्निदेव व अन्नदेवता प्रसन्न होते हैं और सभी के जीवन में धन संपदा बनाकर रखते हैं। लोग इस दिन अग्निदेव से अच्छी फसल की कामना करते हैं।