हेल्थ। बच्चों की बेहतर ग्रोथ लिए जितना जरूरी कैल्शियम को माना जाता है, मैग्नीशियम भी मांसपेशियों के निर्माण और विकास के लिए उतना ही फायदेमंद होता है। बच्चों के बेहतर विकास के लिए ये दोनों साथ मिलकर काम करते हैं। जिस तरह कैल्शियम मांसपेशियों के संकुचन को बढ़ावा देता है, मैग्नीशियम मांसपेशियों को ठीक से आराम करने में मदद करता है। बच्चों में अगर मैग्नीशियम की कमी हो जाए तो कई तरह की समस्याएं शुरू हो सकती हैं।
बच्चों की हड्डियों को मजबूत रखने में विटामिन डी और कैल्शियम की सक्रियता को बढ़ाने में मैग्नीशियम काफी सहायता करता है। इसके अलावा, ये दिल की धड़कन को ठीक रखने, दांतों की सड़न को रोकने और तनाव के दौरान इम्यूनिटी को बढ़ाए रखने आदि में भी कारगर होता है। यह बच्चों के बेहतर नींद के लिए भी काफी लाभकारी होता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
मैग्नीशियम से भरपूर भोजन :-
बच्चों के डाइट में अगर हरी पत्तेदार सब्जियां, ड्राईफ्रूट्स, तरह तरह के दाल, केला, गाजर, ब्रोकली, सेव आदि को शामिल किया जाए तो उसमें मैग्नीशियम की कमी को पूरा किया जा सकता है।
मैग्नीशियम के कमी होने के लक्षण :-
-बच्चों की भूख कम हो जाती है और वे खाना नहीं चाहते है।
-कमजोरी महसूस होती है और तुरंत थक जाते है।
-खेलने कूदने के दौरान मसल्स कैंप लगना।
-नींद ना आना या बार बार नींद का टूटना।
-हर वक्त इरिटेट होना और गुस्सा या रोना।
-छोटी बड़ी बातों को लेकर एंजायटी महसूस होना।
मैग्नीशियम की कमी को करें दूर :-
यदि आपको लग रहा है कि बच्चे के विकास और बिहेवियर में कुछ अंतर लग रहा है तो आप उसकी डाइट में उन चीजों को शामिल करें जिसमें मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा, आप उन्हें बच्चों के डॉक्टर से दिखाएं और सेप्लीमेंट डाइट के बारे में जानकारी लें।