शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरुरी है नटराजासन योग

स्वास्थ्य। आपको बता दें कि योग न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, साथ ही इसके नियमित अभ्यास की आदत आपको कई प्रकार के शारीरिक लाभ भी दे सकते है। शरीर को ठीक से काम करते रहने के लिए शारीरिक समन्वय के साथ ही लचीलेपन की भी जरूरत होती है।

ऐसे में विशेषज्ञ बताते हैं नटराजासन योग इसमें आपके लिए बहुत लाभप्रद हो सकता है। आपको बता दें कि हिंदू पौराणिक कथाओं में नटराज भगवान शिव को दिया गया एक नाम है। यह आसन उनकी नृ्त्य मुद्राओं में से एक है। योग शास्त्र में इसके अभ्यास के कई प्रकार से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ का जिक्र मिलता है। तो आइए जानते है इसके अभ्यास से होने वाले फायदों के बारे में….

कैसे करें नटराजासन योग:- आपको बता दें कि नटराजसन योग का अभ्यास अपेक्षाकृत कठिन होता है, ऐसे में किसी विशेषज्ञ की निगरानी में ही आप इसका अभ्यास करें। इस योग को करने के लिए सबसे पहले एक पैर को पीछे की तरफ मोड़ें और हाथ से पैर को टखने से पकड़ें।

आप अपने पैर को जितना हो सके ऊपर की ओर उठाएं। अपने बाएं हाथ को सामने सीधा फैलाएं और गहरी सांस लेते रहें और शरीर का संतुलन बनाने की कोशिश करें। कुछ समय तक आप इसी स्थति में रहें और फिर पूर्ववत अवस्था में आकर दूसरे हाथ-पैर से इसका अभ्यास करें।

नटराजासन योग के लाभ:- हमारे शरीर और मन को नटराजासन योग कई प्रकार से लाभान्वित कर सकता है। शरीर की स्ट्रेचिंग से लेकर मस्तिष्क की शांति तक के लिए नटराजासन योग के लाभ का जिक्र मिलता है।

फायदें:- नटराजासन योग शारीरिक समन्वय और संतुलन को बेहतर करता है। यह आपके कंधे, पीठ, हाथ-पैरों को मजबूत बनाता है। लॉर्ड ऑफ डांस पोज मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन घटाने में भी मदद करता है। मुद्रा पाचन तंत्र के लिए भी यह फायदेमंद योगाभ्यास है।

जांघ, पैर, हाथ, कमर और पेट सहित पूरे शरीर को स्ट्रेच करने के लिए भी यह योगासन बहुत अच्छी मानी जाती है। इस योगासन को सही तरीके से करने से यह शरीर के दर्द और मांसपेशियों की समस्याओं से राहत दिला सकता है।

यह आसन हमारे मन को शांत करने, तनाव को कम करने और एकाग्रता में सुधार करने में भी लाभकारी हो सकता है। इस योगासन के नियमित अभ्यास से आपका शरीर लचीला बनता है।

सावधानियां:- आपको बता दें कि कुछ स्थितियों में इस योग के अभ्यास को नहीं करना चाहिए। जैसे कि जिन लोगों को हृदय रोग या अनियमित रक्तचाप की समस्या, पीठ दर्द या रीढ़ में दर्द की दिक्कत रहती है, ऐसे लोगों को इस योगासन को नहीं करना चाहिए,

इससे समस्या और बढ़ सकती है। नटराजासन योग के लिए शारीरिक समन्वय और एकाग्रता का ठीक रहना बहुत ही ज्‍यादा जरूरी है, इसलिए पहले आप किसी विशेषज्ञ से इसके बारे में अच्छी तरह से समझ लें, फिर आप इस योगासन का अभ्यास करें।

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