Ram Setu: राम सेतू के रूप में भारत और श्रीलंका के बीच समुद्र में आज भी यह भू भाग मौजूद है, जिसका यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें भी शेयर की है. इन तस्वीरों को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी कॉपरनिकस सेंटिनल-2 उपग्रह से ली है. फोटो में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि राम सेतु तमिलनाडु के रामेश्वरम से श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक फैला हुआ चूने के पत्थर का स्ट्रक्चर है, जिसे एडम ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है.
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, लंका पहुंचकर रावण से युद्ध करने के लिए भगवान राम और उनकी सेना ने समुद्र पर इसे बनाया था. लेकिन अब ये आवागमन के लायक नहीं बचा है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि 15वीं सदी तक राम सेतु चलने लायक था, लेकिन समुद्री तूफानों के वजह से अब ये जगह-जगह से कट गया.
Ram Setu: 48 किलोमीटर थी लंबाई
बता दें कि रामसेतु भारत के रामेश्वरम और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट के पास मन्नार द्वीप के बीच 48 किलोमीटर की चौड़ी पट्टी है. वहीं, एक रिपोर्ट के अनुसार, सेतुसमुद्रम शिपिंग नहर परियोजना के चलते इसके कुछ हिस्से को तोड़े जाने की भी बात कहीं जा रही थी. दरअसल, रिपोर्ट में बताया गया कि यहां कुछ रेत के टीले सूखे हैं, जबकि यहां समुद्र भी बहुत उथला है. यानी यहां समुद्र महज 1-10 मीटर गहरा है, जिसका पानी का हल्का रंग होने से संकेत मिलता है.
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार करीब 130 वर्ग किलोमीटर में फैला मन्नार द्वीप श्रीलंका की मुख्य भूमि से सड़क पुल के साथ रेलवे पुल से भी जुड़ा हुआ है. ये दोनों द्वीप के दक्षिणी छोर पर दिखाई देते हैं.
Ram Setu: अब रहती हैं मछलियां और कछुए
वहीं, इन रेतीले टीलों पर कई प्रकार के पक्षी रहते है, जैसे- भूरा नोडी. इसके साथ ही उथले पानी में कई प्रकार की समुद्री घासे और तरह तरह की मछलियां पाई जाती हैं.
आपको बता दें कि इसी साल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामसेतु के शुरूआती पॉइंट अरिचल मुनाई का दौरा किया था. दरअसल, एडम ब्रिज के आसपास समुद्री जीवों में डॉल्फिन, डुगोंग और कछुए भी शामिल हैं. हालांकि बीच में कुछ ऐसी भी खबरे सामने आई थी कि भारत और श्रीलकां को जोड़ने के लिए फिर से पुल बनाया जाना है.
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