यमुनोत्री से ही क्यों शुरु होती है चारधाम यात्रा, जाने कारण

Chardham Yatra: चारधाम यात्रा की शुरुआत अक्षय तृतीया के दिन से हो जाएगी। अक्षय तृतीया इस वर्ष 30 अप्रैल को है। इस दिन श्रध्दालु यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन करने के लिए जाएंगे। चारधाम की यात्रा में सबसे पहले यमुनोत्री धाम के दर्शन करने की धार्मिक मान्यता है। आखिर क्यों चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से की जाती है। इसके पीछे धार्मिक कारण के साथ भौगोलिक कारण भी शामिल हैं।ऐसे मे चलिए विस्तार से जानते है चार धाम यात्रा के बारे में।

चारधाम यात्रा यमुनोत्री से क्यों शुरू होती ह

यमुना का उद्गम यमुनोत्री धाम से होता है। धार्मिक मान्यताओं के आधार पर माता यमुना यमराज की बहन हैं जो भय से मुक्ति प्रदान करती हैं। शास्त्रों में वर्णित एक कथा के अनुसार,  एक बार यम भाईदूज के दिन अपनी बहन यमुना से मिलने गए थे। यमराज ने अपनी बहन यमुना को आशीर्वाद दिया था कि जो भी तुम्हारे जल से स्नान करेगा उसके पाप नष्ट हो जाएंगे, मृत्यु के भय से मुक्ति मिलेगी और उसे मोक्ष प्राप्त होगा। इसलिए यमुनोत्री में पाप विमोचन करने के बाद ही चारधाम की यात्रा करना शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, यमुनोत्री से यात्रा शुरू करने पर चारधाम यात्रा में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं होती। 

भौगोलिक कारण

चारधाम यात्रा में चार प्रमुख तीर्थ यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ एक क्रम में हैं। यमुनोत्री चारधाम यात्रा के दौरान पश्चिम दिशा में पड़ता है इसके बाद ही अन्य धाम आती हैं। इसलिए भौगोलिक स्थिति को समझते हुए स्वाभाविक रूप से यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से ही की जाती है। 

धार्मिक कारण 

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पश्चिम से पूर्व की ओर धार्मिक यात्रा करना शुभ माना जाता है। पश्चिम से पूर्व की ओर दक्षिणावर्त यात्रा शुभ फलदायी मानी गयी है। इसलिए चारधाम यात्रा हमेशा यमुनोत्री से ही की जाती है। यमुनोत्री में डुबकी लगाने के बाद भक्तों को आगे वाले धाम की ओर बढ़ना चाहिए।  

आध्यात्मिक कारण

यमुनोत्री पवित्रता के साथ ही आध्यात्मिक उन्नतिदायक नदी भी मानी जाती है।भक्तों को यमुनोत्री में स्नान करने से आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है। मन शांत और निश्चल होता है। यहां मन की शुद्धि पाकर भक्त आध्यात्मिक पथ पर भी अग्रसर होते हैं। इसके बाद केदारनाथ और बद्रीनाथ की ऊंचाई पर जाना आसान प्रतीत होने लगता है। 

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