नई दिल्ली। तमाम बीमारियों व महामारी से घिरे देशवासियों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय नया बीड़ा उठाने जा रहा हैै। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंत्रालय को देश में ‘आयुष आहार’ के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का निर्देश दिया। इसके जरिए जंक फूड में जकड़े युवाओं को वैकल्पिक खाद्य सामग्री के प्रति प्रेरित किया जाएगा। शनिवार को सोनोवाल ने दिल्ली के जनकपुरी स्थित सेंट्रल काउंसिल्स कॉमन बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स का दौरा किया। उन्होंने परिसर में स्थित मंत्रालय के तहत सभी पांच अनुसंधान परिषदों और दो राष्ट्रीय आयोगों के अधिकारियों और वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की। ‘सुपोषित भारत’ का लक्ष्य:- दरअसल आयुष मंत्रालय आयुष आधारित आहार और जीवन शैली को बढ़ावा दे रहा है और ‘सुपोषित भारत’ के अंतिम लक्ष्य को साकार करने के लिए पोषण अभियान में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने आयुष मंत्रालय के साथ मिलकर आयुष आहार पर दिशा-निर्देशों का मसौदा भी जारी किया है, जो मानक आधारित आयुष आहार की सुविधा प्रदान करेगा। पांचों रिसर्च काउंसिलों की ली जाएगी मदद:- मंत्रालय ने अपनी पांचों रिसर्च काउंसिलों- आयुर्वेदिक, योग, नेचुरोपैथी, यूनानी और होम्योपैथी के वैज्ञानिकों से कहा है कि आयुष संबंधी सभी बातें अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के प्रयास करें। ऐसी व्यवस्था की जाए कि वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों, डॉक्टरों और तकनीकी रूप से सक्षम लोगों की काबिलियत का देशहित में इस्तेमाल किया जाए। जनजातियों की परंपराओं को समझा जाए:- केंद्रीय आयुष मंत्री सोनोवाल ने उक्त काउंसिलों से कहा है कि वे देश की जनजातियों के बेहतर स्वास्थ्य को देखते हुए उनकी स्थानीय स्वास्थ्य परंपराओं को समझें। उन पर शोध किए जाएं कि वे कैसे आधुनिकी चिकित्सा पद्धतियों के इस्तेमाल के बगैर भी स्वस्थ रहती हैं। उनकी चीजों को और गहराई से समझना होगा। सोनोवाल ने ‘क्वालिटी एंड सेफ्टी ऑफ सेलेक्ट रसकल्प- मेटल एंड मिनरल बेस्ड आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन, वॉल्यूम: 6’ नाम की पुस्तक का भी विमोचन किया।