स्वास्थ्य। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हर साल 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है। शरीर के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए खून की जरूरत होती है। अगर खून की कमी हो जाए तो व्यक्ति का जीवन खतरे में पड़ सकता है। यदि किसी व्यक्ति को खून की जरूरत हो लेकिन समय पर खून न मिले तो उसकी जान जा सकती है।
रक्तदान से किसी जरूरतमंद की रक्त की पूर्ति हो जाती है। एक स्वस्थ व्यक्ति के द्वारा रक्तदान फायदेमंद होता है। लोगों को रक्तदान के लिए जागरुक करने और रक्तदाता का आभार जताने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। चलिए जानते हैं विश्व रक्तदाता दिवस को मनाने की
इतिहास:-
WHO ने साल 2004 में रक्तदान दिवस मनाने की शुरुआत की थी। तब से हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाने लगा। साल 2022 रक्तदाता दिवस की थीम ‘रक्तदान एकजुटता का कार्य है, प्रयास में शामिल हों और जीवन बचाएं।’
वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर ने ब्लड ग्रुप सिस्टम के बारे में दुनिया को बताया था। इसलिए विश्व रक्तदाता दिवस का दिन वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर को समर्पित है। इसी दिन ब्लड ग्रुप से अवगत कराने वाले वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर का जन्मदिन होता है इसलिए 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है ।
रक्तदान करने के फायदे:-
दिल को रखता है सेहतमंद
हमारे हार्ट में आयरन जमा होता है। जब ब्लड में आयरन की मात्रा ज्यादा होने लगती है तो इससे हार्ट पर प्रेशर बनता है जो, हार्ट के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है। इसकी वजह से हार्ट अटैक का भी खतरा रहता है। लेकिन यदि आप नियमित रूप से रक्तदान करते रहते हैं तो ब्लड में आवश्यकता से ज्यादा आयरन इकट्ठा नहीं होता जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
शरीर रहता है तंदुरुस्त
रक्त दान करते रहने से शरीर में मौजूद गंदगी बाहर निकलती रहती है जिससे कई सारी गंभीर बीमारियों का खतरा टल जाता है। इतना ही नहीं ब्लड डोनेशन के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है जिससे शरीर चुस्त-दुरूस्त बना रहता है।
कैंसर का खतरा होता है कम
नियमित रूप से रक्तदान करते रहने से लीवर में आयरन की मात्रा नियंत्रित रहती है जो लीवर और अग्न्याशय के कैंसर से बचाव में सहायक है।