Safety Test : देश की सुरक्षा बढ़ाने के लिए अब कारों की तरह ट्रकों और अन्य भारी वाहनों का भी क्रैश टेस्ट होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन सुरक्षा मूल्यांकन रेटिंग शुरू करने की योजना बना रहा है। यह मूल्यांकन देश के अपने क्रैश टेस्ट कार्यक्रम भारत एनसीएपी (न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम) की तर्ज पर होगा।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने ग्लोबल न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम और सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) की ओर से से कहा है कि इसका उद्देश्य विनिर्माताओं को उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए तथा वाहनों के सुरक्षित करने के लिए बनाया जायेगा।
देश में हर साल करीब 4.8 लाख सड़क दुर्घटनाएं
इसी दौरान गडकरी ने कहा, भारत में हर साल लगभग 4.8 घातक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। जिसमें करीब 1.8 लाख लोगों की मौत हो जाती है। यह देश के लिए बहुत ही चिंताजनक है।
ई-रिक्शा में कम होगी समस्याएं
जानाकारी के दौरान सरकार बैटरी चालित ई-रिक्शा के लिए सुरक्षा मूल्यांकन प्रणाली पर पहले से ही काम कर रही है, क्योंकि उनके मामले में सुरक्षा संबंधी समस्याएं अधिक हैं। इसलिए ई-रिक्शा में सुरक्षा सुधार भी बेहतर होगी और अधिक रोजगार भी पैदा होगा।
ट्रक चालकों के लिए निर्धारित होंगे काम के घंटे
मंत्री ने कहा है कि सड़क मंत्रालय ट्रक चलाने वाले के काम के घंटे अर्थात् वह कितने घंटे काम कर रहे है इस पर निर्धारित भी कानून काम कर रहा है क्योंकि जानकारी के मुताबिक वर्तमान में वे प्रतिदिन 13-14 घंटे गाड़ी चलाते हैं।
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